उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ज्योतिष रहस्य

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ज्योतिष रहस्य

उआज की हमारी चर्चा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर केंद्रित है। यह आकाश मण्डल में मौजूद इक्कीसवाँ नक्षत्र है जो २६६.४० डिग्री से लेकर २८० डिग्री तक गति करता है। इस नक्षत्र को विश्वम भी कहा जाता है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य, नक्षत्र देवता विश्वदेव और राशि स्वामी गुरु तथा शनि हैं। यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर विज़िट कर सकते हैं। आपके प्रश्नों के यथा संभव समाधान के लिए हम वचन बद्ध हैं।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र आकाश मण्डल में मौजूद चार तारों से बनी हुई आकृति है। जिसका प्रतीक हाथी दांत है। इस नक्षत्र के स्वामी सूर्यदेव हैं और यह नक्षत्र धनु राशि में २६.४० डिग्री से १० डिग्री मकर राशि तक गति करता है। इस नक्षत्र के देवता दस विश्वदेव हैं। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर सूर्य, गुरुव्शनिदेव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है।

            नक्षत्र स्वामी : सूर्यदेव

            नक्षत्रदेव : दसविश्;वदेव

            राशि स्वामी : गुरु ( प्रथमचरण ), शनि ( दूसरा, तीसराऔरचौथाचरण )

            पुरुषार्थ : मोक्ष

            विंशोत्तरी दशा स्वामी : सूर्यदेव

            चरण अक्षर : भी, भू, ज, जी

            वर्ण : क्षत्रीय

            गण : मानव

            योनि : नेवला

            नाड़ी : अन्त्य

            पक्षी : बगुला

            तत्व : वायु

            प्रथम चरण : गुरु

            द्वितीय चरण : शनि

            तृतीय चरण : शनि

            चतुर्थ चरण : गुरु

            वृक्ष : कटहल, फानूस का वृक्ष

            बीजमंत्र : ॐभं

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र जातक की कुछ विशेषताएं व्जीवन

आए का चेहरा मासूम, आँखें सुन्दर होती हैं। आप मीठी बोली बोलते हैं, दूसरों को प्रसन्न रखते हैं, छलकपट से दूर रहते हैं। आप सही मायने में सहिष्णु हैं। जाने अनजाने खुद से हुई गलती की माफ़ी मांगने में भी आपको बहुत परेशानी नहीं आती। आपका पुरुषार्थ मोक्ष है, आप आध्यात्म की गहराईओं में डुबकी लगाने में सक्षम हो सकते हैं। आपके पास ऐसी कोई विधा हो सकती है जो आपको दूसरों से अलग करती है और जिसका लाभ बहुतों को प्राप्त होता है। आप बेहतरीन अध्यापक हो सकते हैं अथवा बैंकिंग के क्षेत्र में विशेष रूप से सफलता पाते हैं। व्यर्थ के विवादों से आपको बचना चाहिए। पेट अथवा आँखों से सम्बंधित समस्या होने की सम्भावना रहति है। आप अपने कार्य को लेकर बहुत डेडिकेटेड होते हैं और आपकी यही काम के प्रति ईमानदारी आपको श्रेष्ठ बनाती है। जीवन के ३८ वर्ष के बाद चहुं तरफा लाभ प्राप्त होता है।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के जातक/ जातिका की मैरिडलाइफ

आपका स्वभाव सात्विक होता है और आप अपने आसपास के लोगों का ध्यान भी रखते हैं। आपकी मैरिड लाइफ अच्छी होती है। आपको जीवन साथी का सुख प्राप्त होता है।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र जातक का स्वास्थ्य

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के जातकों को मुख्यत या पेट व् आँखों से सम्बंधित तकलीफ हो सकती है। रोजाना बीजमन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है। नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र जातक शिक्षा व्व्यवसाय

इस नक्षत्र के जातक नौकरी भी कर सकते हैं और व्यापार भी यदि साझेदारी में व्यापार करें तो साझेदार को अच्छी तरह परख लें। इसके अतिरिक्त आप उच्च अधिकारी, वकील, न्यायाधीश, स्पोर्ट्समैन, राजनेता अथवा आध्यात्मिक हीलर भी हो सकते हैं