पानी कैसे और कब पीना चाहिए – आयुर्वेद और विज्ञान के अनुसार सही तरीका
जल जीवन है। लेकिन इसे कब और कैसे पीया जाए, यह जानना भी उतना ही आवश्यक है जितना कि इसे पीना। आयुर्वेद और प्राकृतिक जीवनशैली के जानकारों का मानना है कि पानी पीने का गलत तरीका भी कई बीमारियों की जड़ बन सकता है। आइए जानते हैं पानी पीने के सही नियम, तरीका और समय।
घूंट-घूंट कर पीएं
पानी को कभी भी एक ही बार में गटककर नहीं पीना चाहिए। उसे छोटे-छोटे घूंट में पीना चाहिए। ऐसा करने से पानी शरीर के तापमान के अनुसार अंगों में धीरे-धीरे पहुंचता है, और पाचन तंत्र पर अच्छा असर डालता है।
बैठकर पीएं, खड़े होकर नहीं
खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों, विशेषकर घुटनों पर प्रभाव पड़ सकता है और वायु दोष उत्पन्न हो सकता है। इसलिए हमेशा बैठकर आराम से पानी पीएं।
धीरे-धीरे पिएं, ऊपर से गटकना नहीं चाहिए
किसी भी बर्तन से पानी पीते समय उसे ऊपर से गटकना नहीं चाहिए। बर्तन को मुंह से लगाकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए। ऊपर से पानी गटकने से पेट में गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गर्म या गुनगुना पानी उत्तम होता है
विशेष रूप से सुबह के समय खाली पेट गुनगुना पानी पीना सबसे अधिक लाभकारी माना गया है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
सुबह उठते ही बासी मुंह पानी पिएं
वाग्भट जी के अनुसार, सुबह उठते ही बिना कुल्ला किए पानी पीना चाहिए। रातभर मुंह में जमा लार में विशेष प्रकार के खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
भोजन से 30 मिनट पहले पानी पीएं
ऐसा करने से भूख नियंत्रित रहती है, पाचन बेहतर होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
भोजन के तुरंत बाद पानी न पिएं
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के तुरंत बाद पानी पीना जहर के समान होता है। यह जठराग्नि को शांत कर देता है जिससे भोजन ठीक से नहीं पचता, और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
प्यास लगे तभी पीएं, प्यास को न टालें
शरीर खुद संकेत देता है कि उसे पानी की जरूरत है। प्यास लगने पर पानी पीना चाहिए, इसे कभी टालना नहीं चाहिए।
पक्षी और जानवर पानी को चाटकर या चबा-चबाकर पीते हैं, इसलिए उनका शरीर संतुलित और रोग-मुक्त रहता है। इंसान को भी प्राकृतिक ढंग से पानी पीना चाहिए यानी धीरे-धीरे और घूंट-घूंट कर।
भोजन के साथ बहुत अधिक पानी पीने से पाचन रस पतले हो जाते हैं, जिससे पाचन क्रिया धीमी पड़ सकती है।
गर्मी के मौसम में अधिक पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन एक साथ बहुत अधिक पानी न पिएं।
पानी जीवन का अमृत है, लेकिन इसे सही ढंग और समय पर पीने से ही यह लाभकारी बनता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि गलत ढंग से पानी पीने से पाचन, हड्डियों, जोड़ों और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए, रोज़मर्रा की आदतों में थोड़ा बदलाव लाकर आप जल को औषधि की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए सही समय पर, सही तरीके से पानी पीएं।
Adminblogs Oct 30, 2023 26902
Adminblogs Jul 19, 2023 23348
Adminblogs Oct 30, 2023 19754
Adminblogs Jan 19, 2024 19379
Adminblogs Jan 2, 2024 18126
AdminBlog Sep 5, 2025 2678
AdminBlog Aug 18, 2025 3759
AdminBlog Aug 8, 2025 4253
Adminblogs Aug 11, 2023 14749
Adminblogs Jul 19, 2023 23348
Total Vote: 4201
लाल