सूर्य भगवान के 21 नाम
                                        
                                
                            भगवान सूर्य ने साम्ब से कहा - मैं अपने अतिशय गोपनीय, पवित्र इक्कीस शुभ नामों को बताता हूँ।
इनके पाठ करने से सहस्त्र नाम के पाठ का फल प्राप्त होगा। मेरे इक्कीस नाम इस प्रकार है -
- विकर्तन ( विप्पतिओं को काटने तथा नष्ट करने वाले),
 - विवस्वान (प्रकाश रूप),
 - मार्तंड (जिन्होंने अंड में बहुत दिनों निवास किया),
 - भास्कर,
 - रवि,
 - लोकप्रकाशक,
 - श्रीमान,
 - लोक चक्षु,
 - गृहेश्वर,
 - लोक साक्षी,
 - त्रिलोकेश,
 - कर्ता,
 - हर्ता,
 - तमिस्त्रहा (अन्धकार को नष्ट करने वाले),
 - तपन,
 - तापन,
 - शुचि ( पवित्रतम) ,
 - सप्ताश्ववाहन,
 - गभस्तिहस्त ( किरणे ही जिनके हाथ स्वरुप हैं ),
 - ब्रह्मा,
 - सर्वदेवनमस्कृत।
 
भगवान सूर्य ने कहा - हे साम्ब ! ये इक्कीस नाम मुझे अति प्रिय है।
यह स्तवराज के नाम से प्रसिद्द है। यह स्तवराज शरीर को निरोग बनानेवाला, धन की वृद्धि करने वाला, और यशस्कर है।
जो कोई इन नामो से उदय और अस्त दोनों संध्याओं के समय मेरी स्तुति करता है
वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है।